Department of Urdu
डिपार्टमेंट ऑफ़ उर्दू की एक तवील और सुनहरी तारीख है | तहक़ीक़ से यह पता चलता है की इसके पहले प्रो. और हेड प्रो. मो. अबू सईद हुए, जो बाद में मिल्लत कॉलेज, दरभंगा के प्राचार्य हुए | एक लम्बे कार्यकाल के बाद प्रो. सैयद नवाब करीम ने हेड की कुर्सी संभाली, जिनके नाम से बहुत सारी रचनाये जुडी है, जिनमे "कलीम से हाली तक" है | तत्पश्चात प्रो. एजाज अली अरशद ने ये जिम्मेदारी संभाली जो बाद में पटना कॉलेज के प्रिंसिपल और मौलाना मजहरुल हक़ अरबी फ़ारसी के कुलपति हुए | आलोचक होने के साथ-साथ ये शायर व अदीब भी हैं | हास्य व्यंग्य में इनकी किताब दावत अदावत मशहूर है | इसके अलावा कृष्ण चंद्र की नावेल निगारी इब्नुल वक़्त इत्यादि मशहूर है, देश-विदेश की मैगज़ीन में इनके आर्टिकल छपते रहे हैं, बहुत सारे अवार्ड से भी इन्हें नवाज़ा गया है | कई बार उर्दू विभाग, पटना विश्वविद्यालय के विभागाध्यक्ष भी हुए हैं |
आजकल प्रो. सैयद मो. जावेद हयात पटना विश्वविद्यालय उर्दू विभाग के विभागाध्यक्ष भी हैं जो बी. एन. कॉलेज उर्दू विभाग के अध्यक्ष रह चुके हैं, जो पटना विश्वविद्यालय शिक्षक संघ PUTA के उपाध्यक्ष भी थे तथा अपनी प्रशासनिक शैली के लिए मशहूर हैं | "मवादयात सहाफत" इनकी मारूफ रचना है |
२०१५-२०१८ सेशन में मो. शम्स चिश्ती ने बी. ए. ऑनर्स में स्वर्ण पदक हासिल किया | इसके अलावा रहमत यूनुस और मो. इफ़्तेख़ार अंसारी बी.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित लेक्चररशिप परीक्षा में भी कामयाब हुए हैं | कुछ छात्र जे. एन. यू. और दिल्ली विश्वविद्यालय में तालीम हासिल कर रहे हैं |